tag:blogger.com,1999:blog-3414484755532890499.post6565551267790192867..comments2023-12-31T00:37:37.453-08:00Comments on मेरी संवेदना : कीचड़ में फंसे हुए नाव Nityanand Gayenhttp://www.blogger.com/profile/14656349243336915008noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3414484755532890499.post-69752262939788369562013-01-07T02:40:04.514-08:002013-01-07T02:40:04.514-08:00खांडा पाडा , मेरा पैतृक गांव/यहाँ नापित पाड़ा में ...खांडा पाडा , मेरा पैतृक गांव/यहाँ नापित पाड़ा में आज भी है अंधकार का राज/माईती लोग नही छोड़ते रास्ता/मैं फिर लौट कर जाता हूँ/मौली नदी के किनारे/देखने के लिए बाघों के पंजे। <br />अद्भुत, सच में सुन्दरवन में आज भी बाघ का रज है और ज़िन्दगी रिरियाती रहती है इन हब्शी शेरों (राजनैतिक) के सामने, बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, आभार स्वीकार करें।Niraj Palhttps://www.blogger.com/profile/12597019254637427883noreply@blogger.com