Sunday, July 28, 2013

-ज़मीर से हारे हुए लोग

उन्होंने खूब लिखा सत्य के पक्ष में 
किन्तु यह सत्य 
औरों का था 
उन्होंने सार्वजनिक बयान दिया 
कि नही हटेंगे सत्य के मार्ग से 

फिर एक वक्त आया
उन्हें परखने का
जैसा हम सबके जीवन में आता है
कभी न कभी
अपने स्वार्थों के खातिर वे खामोश रहें
सत्य ने उन्हें पुकारा
कि ...फिर दोहराव
अपना पक्ष
पर उन्हें डर था कि
सच बोलने पर बिखर जायेंगे रिश्ते
और पूरे नही होंगे कुछ सपने

किन्तु सत्य ने हार नही माना
सदा की तरह अडिग रहा
पर ...
इसी तरह सत्य ने भी देख लिया उनका चेहरा
और
एक नाम दिया उन्हें
-ज़मीर से हारे हुए लोग 

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