Friday, November 24, 2017

तुमसे मिलने की जो आखिरी चाह थी मेरी

अंतिम जंग से पहले 
तुमसे मिलने की 
जो आखिरी चाह थी मेरी 
तुमने, 
उसे समाप्त कर दिया 
अच्छा किया तुमने
जो मुझे पहचानने से
इंकार कर दिया
मौत का जो डर था दिल में
इस तरह ख़त्म कर दिया !

Thursday, November 23, 2017

मुझमें सच को सच कहने का साहस बचा हुआ है अब तक

जस्टिस लोया की मौत की सनसनी वाली
ख़बर को साझा नहीं किया
सरकारी सेवा वाले प्रगतिशील
और जनपक्षधारी किसी लेखक ने
मैंने किया है !
इसका मतलब यह कतई नहीं कि
मैं सबसे निर्भीक और ईमानदार हूँ
पर इतना जानता हूँ
मुझमें सच को सच कहने का
साहस बचा हुआ है अब तक
किन्तु , मैंने अब तक 
नहीं कहा किसी से
तुम्हारे हिस्से का सच

बेईमान नहीं बन सका हूँ अब तक
इसलिए हिम्मत नहीं जुटा पाता हूँ
कि, तुम्हें बे-वफ़ा कह सकूं
मेरा चेहरा, तुम्हारे चेहरे सा न तो मासूम है
न ही आकर्षक
कि सच भी कहूँ तो मान लें हर कोई
तुम्हारे कहे 
झूठ की तरह !

खौफज़दा चेहरे के साथ मुल्क का निज़ाम भी
बोलता है झूठ लगातर
और तब जाहिल आवाम उठता है झूम
ऐसे माहौल में
तुम भी अपने मासूम चेहरे के साथ
मेरी बुराई करो तो
कोई क्यों न करें तुम्हारा यकीन ?
यह युग झूठ पर टिका हुआ है
और मुझे झूठ बोलना नहीं आता
फिर भी बना हुआ हूँ
शायद कोई चमत्कार है !
देखो न,
कि एक जज की रहस्यमयी मौत के खुलासे के बाद भी
किस तरह खामोश है मुल्क,
आवाम और मीडिया
ऐसे वातावरण में
मेरी बात को कौन
और क्यों सच मानेगा ?

Tuesday, November 21, 2017

बुखार में बड़बड़ाना

1.
पहाड़ से उतरते हुए 
शीत लहर ने मेरे शरीर में प्रवेश किया
और तापमान बढ़ गया शरीर का
शरीर तप रहा है मेरा
भीतर ठंड का अहसास 
इस अहसास को बुखार कहते है !
देश भी
तप रहा है मेरे बदन की तरह
और सरकार कह रही है
मामला ठंडा है !
मेरे देश को बुखार तो नहीं है ?
#बुखार में बड़बड़ाना 1

2.
अहिंसा और शांति के पक्षधर गाँधी का
हत्यारा गोडसे का मंदिर 
बनाने वाले
और उस मंदिर के समर्थक
यदि कभी 
शांति और प्रेम की भाषा में
मुझसे बात करने लगें
मैं, उस वक्त
सावधान हो जाऊंगा
वो अपने पक्ष में तर्क देंगे
अभिव्यक्ति की आज़ादी की बात कह कर
हत्यारा और उसके समर्थक में
कोई अंतर नहीं होता
क्योंकि हत्यारे का समर्थक
भविष्य का हत्यारा होता है
#बुखार में बड़बड़ाना 2

Friday, November 17, 2017

कौन बेगुनाह और कौन अपराधी

मैं बदसूरत हूँ
इसलिए बेईमान कहलाऊंगा
चोर और बेईमानों का आकलन
अपने देश में
चेहरे की सुन्दरता पर निर्भर है !

जैसे धर्म के आधार पर तय कर लिया जाता है
कौन है आतंकवादी
पार्टी के आधार पर तय होता है
गद्दार और देश प्रेमी
ठीक उसी तरह तय होता है
चेहरे की मासूमियत पर
कौन बेगुनाह और कौन अपराधी
वफ़ा और बेवफ़ा के किस्से
बनते हैं एक तरफा बयान से
वक्त कहाँ न्यायाधीश के पास
कि दोनों का पक्ष सुने ?
हमने दोस्त मान कर उन्हें करीब से जाना है
हमारा यकीन ही
हमारा अपराध है
यह विनिवेश का युग है
विनिमय में कुछ तो दीजिए
हमने अपना यकीन दिया
और बदले में
धोखा पाया !

Thursday, November 16, 2017

तोड़ने और नोचने में फ़र्क तो होता है

तोड़ने और नोचने में फ़र्क तो होता है
पर दोनों की क्रियाओं में हिंसा होती है
नोचने का निशान गहरा होता है
हो सकता है दिनों -महीनों तक घाव से रिसता रहे पानी
और टूटा हुआ बिखर जाता है
हम सब इस समय
नोचे जा रहे हैं
तोड़े जा रहे हैं
और हम उन नोचने , तोड़ने वालों को पहचानते हुए भी
लगातर ख़ामोशी से पीड़ा सह रहे हैं
हमारी ऐसी क्या मज़बूरी है ?
बात केवल क्रूर और निरंकुश सत्ता की नहीं है
हमारे आस-पास भी तमाम ऐसे हाथ और नाख़ून हैं
जो तोड़ने - नोचने में माहिर हैं
अक्सर उनकी शिकायत करने से कतराते हैं हम
आखिर हमारी मज़बूरी क्या है
ज़रूरी नहीं कि केवल हाथ और नाख़ून ही नोचें हर बार
इनदिनों शब्द /भाषा भी बहुत धारदार हो चुकी है
और जुबान से नोचने -टूटने का कोई निशान दिखाई नहीं पड़ता
उदास किसी चेहरे को पढ़ना हमने सीखा नहीं अभी तक
मृत देह पर अफ़सोस जताना मानव सभ्यता की प्राचीन परम्परा है
जबकि जीवित किसी मनुष्य को ख़ुशी देना
हमारी आदत नहीं बनी !
मनुष्य सदियों से हिंसा के पथ पर अग्रसर है
वह आधुनिक से अतिआधुनिक होने का दावा करता है
उसका हासिल है -हिंसा , नफ़रत , द्वेष और युद्ध
जंगल,
जमीन,
नदी , पर्वत
और लाखों विलुप्त जीव गवाह है !
अब हत्यारों के मंदिर बनायें जा रहे हैं
अपने देश में !

Monday, November 13, 2017

बच्चों ने शैतान को देखा है

बच्चों ने किसी ईश्वर को नहीं देखा है
पर उन्होंने देखा है जंग और शैतान को
इराक़ में,
अफ़गान में,
या फिर फिलिस्तीनी बच्चों से पूछिएगा कभी 
शैतान कैसा दीखता है ?
वे कहते हैं - शैतान दीवार के उस पार से आया है !
अफ्रीका से एशिया तक बच्चों ने शैतान को देखा है
भूख है उसका नाम !
शैतान परिधान बदल -बदल कर आता है
वह कभी बूट पहनकर हाथ में बंदूक लिए
कदमताल करते हुए प्रवेश करता है
तो कभी आता है किसी धार्मिक ठेकेदार के रूप में
वह कल्याण के नाम पर आता है
और विनाश कर जाता है
हत्या करना शैतान के बांये हाथ का खेल है
बच्चों को गुमराह करने के लिए किताबों,
कहानियों और इतिहास में बदलाव चाहता है शैतान
शैतान खुद को
ईश्वर का वरदान कहता है !
खाड़ी से लेकर वियतनाम तक के बच्चे बताते है शैतान का नाम अमेरिका है
फिलिस्तीनी बच्चों ने कहा -उसका नाम इज़राइल-अमरीका है !
बच्चों ने बताया है कि शैतान हर वक्त अकेला नहीं आता उनके देश में
अपने दोस्तों को भी लाता है हमला करते समय
उस वक्त वह प्यासा और भूखा होता है
मांस खाता है और इंसानी लहू पीता है शैतान
शैतान अंग्रेजी बोलता है !
शैतान तेल और खनिज माफिया बन कर भी आता है अक्सर बच्चों के देश में 
भारत के बच्चों ने शैतान का नाम नहीं बताया
कुछ भात-भात चीखते हुए मारे गये हैं
किसानों ने शैतान का नाम नहीं बताया
उन्होंने ज़हर पी लिया कर्ज़ा लेकर
कुछ ने फांसी लगा ली !

इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...