मैं अक्सर खो जाता हूँ सपनों में
और कमाल यह होता है कि ये सपने मेरे नहीं होते
दरअसल सपनों में खो जाना कोई कला नहीं
न ही है कोई साज़िस
ये अवचेतन क्रिया है एक
मेरे सपनों में अचानक
उनका आगमन बहुत सुखद है
मैं बहुत खुश होता हूँ उन्हें पाकर
सपनों में,
रेत पर खेलते उस बच्चे की तरह मैं भूल जाता हूँ
हक़ीकत को
और गढ़ता हूँ प्रेम की हवाई दुनियां
एकदम फ़िल्मी
अभी यह सर्द मौसम है
रजाई की गर्मी में सपने भी हो जाते हैं गर्म और मखमल
सपने में अचानक लगती है मुझे प्यास
और फिर बोतल मुंह से लगाकर पीते हुए पानी
गिरता है सीने पर
टूट जाती है नींद
मैं हँसता हूँ खुद पर
पर शर्मिंदा नहीं होता
सपने में प्रेम करते हुए .
और कमाल यह होता है कि ये सपने मेरे नहीं होते
दरअसल सपनों में खो जाना कोई कला नहीं
न ही है कोई साज़िस
ये अवचेतन क्रिया है एक
मेरे सपनों में अचानक
उनका आगमन बहुत सुखद है
मैं बहुत खुश होता हूँ उन्हें पाकर
सपनों में,
रेत पर खेलते उस बच्चे की तरह मैं भूल जाता हूँ
हक़ीकत को
और गढ़ता हूँ प्रेम की हवाई दुनियां
एकदम फ़िल्मी
अभी यह सर्द मौसम है
रजाई की गर्मी में सपने भी हो जाते हैं गर्म और मखमल
सपने में अचानक लगती है मुझे प्यास
और फिर बोतल मुंह से लगाकर पीते हुए पानी
गिरता है सीने पर
टूट जाती है नींद
मैं हँसता हूँ खुद पर
पर शर्मिंदा नहीं होता
सपने में प्रेम करते हुए .
सुंदर!
ReplyDeletehame bhi aise hi sapne aate hai....lajawab
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