Tuesday, October 17, 2017

पहले ईश्वर नामक प्राणी मरा

पहले मंगल पर पंहुचे
फिर चाँद पर
बड़े सा पुल राष्ट्र को समर्प्रित हुआ
मन की बात का प्रसारण जारी रहा
जमीन पर कुछ किसान मारे गये
एक बच्ची भूख से मर गयी बिलकते हुए
उन्होंने राष्ट्र के नाम सन्देश दिया
ताज महल हमारी संस्कृति नहीं
मैंने असफल प्रयास किया
एक प्रेम कविता रचने की
पहले ईश्वर नामक प्राणी मरा
फिर मेरी संवेदनाएं |

1 comment:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन दीवा जलाना कब मना है ? - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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