जम्हूरियत की बात न पूछो
यहाँ तो बेचीं जा रही हैं
कब्रिस्तान की ज़मीने
ज़ुबान हमारी तुतलाने लगी हैं
वजीरों के गीत गाते -गाते
जम्हूरियत की बात मत पूछो यारों
ये कैसी जम्हूरियत है
जहाँ पाले जाते हैं
तानाशाही हुक्मरान
और भूख से मरते हैं आवाम
अब सोचिये
चाहिए क्या हमें ,
चंद खानदान
या पूरा हिन्दुस्तान ?
यहाँ तो बेचीं जा रही हैं
कब्रिस्तान की ज़मीने
ज़ुबान हमारी तुतलाने लगी हैं
वजीरों के गीत गाते -गाते
जम्हूरियत की बात मत पूछो यारों
ये कैसी जम्हूरियत है
जहाँ पाले जाते हैं
तानाशाही हुक्मरान
और भूख से मरते हैं आवाम
अब सोचिये
चाहिए क्या हमें ,
चंद खानदान
या पूरा हिन्दुस्तान ?
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन टेलीमार्केटिंग का ब्लैक-होल - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आभार आपका .
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