Monday, June 10, 2019

दूसरी बार तानाशाह आया है

दूसरी बार तानाशाह आया है
कहता है पहले से ज्यादा लोगों ने उसे पसंद किया है , मत दिया है
जन्तर -मंतर , संसद मार्ग पर वीरानी है
लोगों ने उन्हें धोखा दिया है !
कवियों ने तो चुनाव से पहले ही समर्थन का आह्वान किया था
हालांकि हमने उनको कवि-लेखक कभी माना नहीं
किन्तु, सभी पुरस्कार -सम्मान वही ले गये
मेरी नन्ही प्रकृति ने
खेल-खेल में दो हवाई जहाज कहीं गुमा दी है
उसकी भाषा अभी साफ़ नहीं है
फिर भी वह इशारे से भी कभी बादलों को दोष नहीं देती है
इस बार गाय को माँ कह कर गौ संतान भी नहीं पुकार रहे
बोलता है ...अब राष्ट्र की बात है
गाय आकार में छोटी हो गई इस बार चुनाव से पहले
मजदूर नेता नया दल बना कर सत्ता बदलने का ख़्वाब पाल रहे हैं
मुफ़्तखोर वामी कैडरों ने बंगाल में अपनी औकात दिखा दी है
ख़बर पक्की मिली है
वे छाती से अब पद्दो फूल लगा कर 'जय श्रीराम' बोल रहे हैं
सुभाष चक्रबर्ती के नाती काली माई की मूर्ति बना रहे हैं
कालीपूजा की रात उनकी आत्मा की शांति के लिए
बांग्लादेश की अभिनेत्री की घर वापसी हो चुकी है
उसने हाथों में कमल थाम लिया है
पिछली बार जब कुछ लिखा था यूँ ही
वरिष्ठ ने कहा था - अपना देखो , क्या किये हो
उस दिन मैंने सोच लिया था ....
अब न सोचूंगा , न कहूँगा उनसे कुछ
जिन्होंने चुना है , और जो अब खामोश हैं
उनका हिसाब समय करेगा
मैं तो केवल इनके अपराधों का दस्तावेज़ बना कर जाऊँगा

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