दरअसल हम भूल गये हैं जलियांवाला कांड
भूल गये हैं शायद खुदीराम बोस का बलिदान
भगत सिंह की शहादत
और अब रोहित वेमुला की क़ुरबानी
दाभोलकर, कलबुर्गी और गौरी लंकेश को
भूल गये हैं शायद खुदीराम बोस का बलिदान
भगत सिंह की शहादत
और अब रोहित वेमुला की क़ुरबानी
दाभोलकर, कलबुर्गी और गौरी लंकेश को
इतिहास से कटे हुए लोग
नहीं बना सकते सुंदर भविष्य अपने लिए
वे भटका दिए गये हैं
धर्म की अफ़ीम पिला कर
नहीं बना सकते सुंदर भविष्य अपने लिए
वे भटका दिए गये हैं
धर्म की अफ़ीम पिला कर
आज सड़क, रेल पटरी पर पड़े हैं
मानव शव
हम दर्पण से डरने लगे हैं शायद
मानव शव
हम दर्पण से डरने लगे हैं शायद
हम भूल गये हैं
ख़ुद से सवाल करना
ख़ुद से सवाल करना
कोई नहीं आएगा बचाने
बचने के लिए
उठ खड़ा होना पड़ेगा ख़ुद से
जब तक जारी रहेगा नरसंहार का यह खेल
बचने के लिए
उठ खड़ा होना पड़ेगा ख़ुद से
जब तक जारी रहेगा नरसंहार का यह खेल
संपूर्ण सत्ता
यानी तानाशाही...
यानी तानाशाही...
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