तुम्हारे वादों पर
भरोसा नही
खुद को खोज रहा हूं भीतर
हो गया अहसास जिस दिन
मेरे होने का
मेरे दोस्त
मैं आलिंगन करूँगा तुम्हारा .
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
achi abhivyakti......sunder rachna
ReplyDeleteVery well written sir:-):-)
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