गोबरधन असमय नही मरता
यदि मिल जाता उसे
दो मुट्ठी चावल
गोबरधन के बच्चे
सीख जाते लिखना अपना नाम
यदि मिल जाता उसे
दो मुट्ठी चावल
गोबरधन के बच्चे
सीख जाते लिखना अपना नाम
यदि मिल जाता उन्हें
दाखिला किसी सरकारी स्कूल में
नही लगाती फांसी गोबरधन की बीवी
यदि आ जाती पुलिस
उसकी इज्ज़त जाने से पहले
दाखिला किसी सरकारी स्कूल में
नही लगाती फांसी गोबरधन की बीवी
यदि आ जाती पुलिस
उसकी इज्ज़त जाने से पहले
यह अच्छा हुआ कि
गोबरधन नही जनता था
अपने अधिकारों के बारे में
दहल जाता उसका दिल
यदि एक बार पढ लेता
वह भारतीय संविधान
मरने से पहले ........................
यदि एक बार पढ लेता
वह भारतीय संविधान
मरने से पहले ........................
मन के संवेदनशील भाव .... सच तो यही है हमारे समाज का ....
ReplyDeleteShukriya.............
ReplyDeleteवाह नित्यानान्दजी ...शब्द नहीं हैं मेरे पास ...चीर के रख दिया सच को ....!!!!!
ReplyDeleteShukriya............
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