दरारें बहुत घातक होती है
चाहे कहीं हो
दीवार में
या रिश्तों में
बालू -सीमेंट भर सकती हैं
दीवार की दरारें
किन्तु -
रिश्तों की दरारें
नही भरती किसी भी सीमेंट से
बचा के रखिये
रिश्तों को --
हर दरार से ...........
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
सटीक कहा है ..सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteकाफी समय बाद आपने कुछ लिखा ............ अच्छा लगा ........... धन्यवाद .
ReplyDeleteआपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 27-10 - 2011 को यहाँ भी है
ReplyDelete...नयी पुरानी हलचल में आज ...
good one Nityanand...
ReplyDeleteVery well said sir and its true...
ReplyDelete"दरारें बहुत घातक होती है
ReplyDeleteचाहे कहीं हो"
बचा के रखिये
रिश्तों को --
हर दरार से ...........
निःसंदेह अच्छी रचना