Monday, December 17, 2012

बहुत जरुरी है अंधरे का होना

बहुत जरुरी है 
अंधरे का होना 
ताकि अहसास हो हमें 
रौशनी की कीमत 

सन्नाटे में ही 
पता चलता है 
चीख की पीड़ा 
आवाज़ के गुम होने पर ही 
आदमी खोजने लगता है 
एक -एक शब्द ...

4 comments:

  1. namaskar nityanad G,
    bahut dino baad fir lauti hun cyber ke is anant jahaan me, man hua pahle apne purane mitron ke naye srijan se milun, aur aap ke blog par padaarpan kiya, vahi pahle ki tarah aapki bebaak rachnayen padhi, comment sirf is post k liye nahi hai, aapki sari rachnaye bahut achchhi aur pathniya hain, sabke liye meri badhayi.fir mulakaat hogi.

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    1. मैं आपके इस सम्मान के लिए कृतज्ञ हूँ . काफ़ी हौसला मिलता है हर बार जब भी आपकी टिप्पणी पढ़ता हूँ . शुक्रिया सुनीता मोहन जी .

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  2. mahanagriy jiwan me rahne k karan bijli nahi jati na hota hai andhera ab....hm jate hni ghr se bahar nikal aasman ko takne ,,,, sannate ka drd sunne ,,kyonki bhr gyi h jiwn me jyada hi roshni ,,kolahal ka bajar

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