Wednesday, April 9, 2014

सियार चरित्र

आये थे सियार बैनर लेकर 
कि अब से 
सच बोलेंगे 
सच सुनेंगे 
सच का देंगे साथ
किन्तु, मैं जनता था 
कि ये सभी सियार हैं 
बदलेंगे, 
जब देखेंगे 
शेर ने छोड़ दिया है 
अपना झूठा मांस
तब सभी टूट पड़ेंगे

सियार कुछ भी बोले
परख के लिए एक बार
उन्हें छोड़ देना चाहिए
बारिश में...|

3 comments:

  1. सच कहा सब रंगे सियार होते हैं य राजनीतिबाज़।

    ReplyDelete
  2. http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/04/blog-post_30.html

    ReplyDelete
  3. aaj ke shiyar utne murkh nahi rh gye pkka rng lga ke aayenge permanent colour

    ReplyDelete

इक बूंद इंसानियत

  सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...