मैं रोना नही चाहता किसी के लिए
न फिलिस्तीनी बच्चों के लिए
न ही देश के किसानो के लिए
और न ही उन प्रेमी जोड़ियों के लिए
जिन्हें खाप पंचायतों ने दी है
सजाए मौत ,
प्रेम करने की जुर्म में ।
मैं लड़ना चाहता हूँ
उनके लिए।
न फिलिस्तीनी बच्चों के लिए
न ही देश के किसानो के लिए
और न ही उन प्रेमी जोड़ियों के लिए
जिन्हें खाप पंचायतों ने दी है
सजाए मौत ,
प्रेम करने की जुर्म में ।
मैं लड़ना चाहता हूँ
उनके लिए।
वाह !!
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया !!
अनु
sahi baat hai rone ka kya mtlb ?isse unke balidan par koi asr nahi hone wala ,,,ladna hoga ,,skriy hona hoga ,,kuch karna hoga,,,krmthta me wiswas hai aapka ,,aap sch me badshah hain majduron ke
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