गाँधी ने पहनी नहीं
कभी कोई टोपी
फिर उनके नाम पर
वे पहना रहे हैं टोपी
छाप कर नोटों पर
जता रहे अहसान
जैसे आये थे बापू
इस देश में बनकर कोई
मेहमान .........
हर चुनावी मैदान पर
आती है तुम्हे
उस संत की याद
फिर भूल जाते हो
उन्हें चुनावों के बाद
क्यों जता रहे हो
यह अहसान ?
कभी कोई टोपी
फिर उनके नाम पर
वे पहना रहे हैं टोपी
छाप कर नोटों पर
जता रहे अहसान
जैसे आये थे बापू
इस देश में बनकर कोई
मेहमान .........
हर चुनावी मैदान पर
आती है तुम्हे
उस संत की याद
फिर भूल जाते हो
उन्हें चुनावों के बाद
क्यों जता रहे हो
यह अहसान ?
wish to retuen bapu..काश तुम फिर आते बापू
ReplyDeletebapu ke misuse ko lekar aapne pahle bhi ek kavita likhi thi,
ReplyDeletenoto'n par bapu muskaye,
phir harizan kyun aasu bahaye'"
dono hi kavitaye'n aapki bakhubi darshati hai ki baapu ke naam ka kis tarah se is desh ke khaddidhariyo'n ne istemal kiya , sach hai jab gandhi ji koi topi kabhi pahne nahi ye gandhi topi aayi kahan se ,kuchh nahi bus ye log khaskar congress wale unka naam dekar logo ko topi pahna rah ehain.
Sahi likha aapne Dheeraj Bhai .....
Deleteएहसान क्या जताएंगे , सब चाल है
ReplyDeleteजी रशिम प्रभा जी , हम जानते हैं पर आवाज़ नहीं उठाते , यही दिक्कत है ...सादर
Deleteबिल्कुल सही कहा है आपने ...
ReplyDeleteकल 28/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
... मधुर- मधुर मेरे दीपक जल ...
बहुत सही लिखा .....
ReplyDeleteगहरू बात कही है ... गांधी जी ने बहुत कम ही पहनी है टोपी पर इन नेताओं ने उन्हें भी टोपी पहना दी आज ...
ReplyDeleteआभार आप सभी साथियों का .....
ReplyDeleteapne fayde ke liye....
ReplyDeleteआपने सही कहा .धन्यवाद ..डा.निशा महाराणा जी .
ReplyDeletewaah bhai waah...
ReplyDeletekya kho.Ob likhtE ho....
chaa gayE !
सार्थक प्रश्न
ReplyDeletesda se hi gandhiji ke sath aesa hi hota aaya hae ki jo unke dvara mna kiya gya hamne use aam chalan men dhal diya kyonki vahi saral taha.jo uanke sidhhant haaen unaki dhajjiyan hi to uda rhen .
ReplyDeleteबापू अब प्रोडक्ट हैं, राजनीति बाजार।
ReplyDeleteझूठ नाचता हो मुखर, सत्य खड़ा लाचार॥
Bahut Abhar
Deleteसटीक बात............
ReplyDeleteकैसा एहसान...और किस पर???????
सार्थक लेखन के लिए बधाई.