कौवा बेघर था
अंधकार रात के हमले में मारा गया
उसे बेकसूर कहना उचित नहीं
वह दुश्मन देश का निवासी पक्षी था
ऊपर से काला रंग
आजकल तो अपने देश में भी काले रंग का खौफ़ फैला हुआ है
इतना खौफ़ कि अब
मर्द, औरत और यहाँ तक की पांच साल के बच्चे की भी
चड्डी उतार कर तलाशी ली जाती है
ऐसे में दुश्मन यदि अपने काले पक्षी को हमले वक्त बेघर -बेसहारा छोड़ेगा
हजार किलो बम के आगे तो उसका यही नतीजा होगा
अंधकार रात के हमले में मारा गया
उसे बेकसूर कहना उचित नहीं
वह दुश्मन देश का निवासी पक्षी था
ऊपर से काला रंग
आजकल तो अपने देश में भी काले रंग का खौफ़ फैला हुआ है
इतना खौफ़ कि अब
मर्द, औरत और यहाँ तक की पांच साल के बच्चे की भी
चड्डी उतार कर तलाशी ली जाती है
ऐसे में दुश्मन यदि अपने काले पक्षी को हमले वक्त बेघर -बेसहारा छोड़ेगा
हजार किलो बम के आगे तो उसका यही नतीजा होगा
काले रंग का कौवा हो या कोयल इस ख़तरनाक समय में उनका बचना मुश्किल है
देस के लोगों को भी तो काले रंग से निज़ात पाने के लिए
मल्टीनेशनल कम्पनियों ने मर्द और औरत के लिए अलग -अलग क्रीम बाज़ार में लंच कर दिया था दशकों पहले
देस के लोगों को भी तो काले रंग से निज़ात पाने के लिए
मल्टीनेशनल कम्पनियों ने मर्द और औरत के लिए अलग -अलग क्रीम बाज़ार में लंच कर दिया था दशकों पहले
कौवा पहले भी मरे हैं
आगे भी मरते रहेंगे
पर गाँव का किसान जो गेहुआ या सांवले रंग का था
मर गया कर्ज और भुखमरी से
लाखों बच्चें जिनमें अभी बचपन का रंग भी ठीक से उभरा नहीं था
मर गये कुपोषण से
कुछ की ऑक्सीजन सप्लाई काट दी गई
और वे 'अगस्त मृत्यु काल' में विलीन हो गये
आगे भी मरते रहेंगे
पर गाँव का किसान जो गेहुआ या सांवले रंग का था
मर गया कर्ज और भुखमरी से
लाखों बच्चें जिनमें अभी बचपन का रंग भी ठीक से उभरा नहीं था
मर गये कुपोषण से
कुछ की ऑक्सीजन सप्लाई काट दी गई
और वे 'अगस्त मृत्यु काल' में विलीन हो गये
मैं भी काला हूँ
मेरे बहुत दोस्त भी काले हैं
हम सवाल करते हैं
हमारी जुबान काली हैं
हमारा क्या होगा ?
मेरे बहुत दोस्त भी काले हैं
हम सवाल करते हैं
हमारी जुबान काली हैं
हमारा क्या होगा ?
ब्लॉग बुलेटिन टीम की और मेरी ओर से आप सब को महाशिवरात्रि पर बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएँ |
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 04/03/2019 की बुलेटिन, " महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
आभार आपका
Deleteसटीक। जय हो।
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteआपकी लिखी रचना आज ," पाँच लिंकों का आनंद में " बुधवार 5 मार्च 2019 को साझा की गई है..
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in/
पर आप भी आइएगा..धन्यवाद।
वाह। धारदार।
ReplyDeleteकरारा सटीक।
ReplyDeleteलाजबाब व्यंग ,बहुत खूब ........
ReplyDeleteबहुत सुन्दर व्यंग..
ReplyDeleteबढ़िया
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