Thursday, March 10, 2011

तुम्हे मालूम है

तुम्हारी आँख का एक बूंद आंसू
गहरा सागर है
मेरे लिए
और तुम्हे मालूम है
मुझे डुबने से डर लगता है
क्योंकि मुझे --
तैरना नही आता /

5 comments:

  1. kyonki maine to hamesha chaha ki
    Ho har din suhana teri jindagi mein!
    Ho khushiyon ka aalam teri jindagi mein !
    veeranagi ki kahin na koi baat ho,
    Ho baaten baharon ki teri jindagi mein!!
    Satat likhate rahiye....................

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  2. ...तुम्‍हारी ऑंख का एक (बूँद) ऑंसू.....
    ............अरविंद जी ने बेहतर सुझाया....
    सार्थक यत्‍न...।

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