Monday, May 2, 2011

सांप का ज़हर पानी निकला

आज शाम 
ठीक ७:३० बजे 
निकला जब 
कालेज भवन से 
और चल रहा था 
खोये हुए मन से 
सहम कर रुक गया अचानक 
सड़क पर रेंगते हुए एक 
सांप को देखकर 
और वह भी 
डर गया था मेरे कदमों की आहट से 
अवश्य वह मुझसे पहले डरा होगा 
भई मैं आदमी जो हूँ 
मेरे रुकने पर वह भागने लगा 
पर आदमी से कौन बच सकता है भला ?
वहीं कुचल डाला मैंने उसे 
सोचा बड़ा ज़हरीला है 
किन्तु मेरे 
भय और क्रोध के आगे 
उस सांप का ज़हर पानी निकला /

2 comments:

  1. अवश्य वह मुझसे पहले डरा होगा
    भई मैं आदमी जो हूँ
    मेरे रुकने पर वह भागने लगा
    पर आदमी से कौन बच सकता है भला !!!!!!
    bahut khoob. sahi kaha aapne ..jaanwer ab insano se darne lage hain...aur insaan insano se..
    aadmi ab aadmi se darne laga hai,
    junglon main insaan ab rehta hai befikra hoker[Neelam]

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