प्यारी मलाला ,
मैं जानता हूँ
अभी मूक पड़ी हो तुम
किन्तु , मैं जानता हूँ
सुन सकती हो तुम मुझे
तो, सुनो
आज उठ रहे हैं करोड़ो हाथ
दुआ में, तुम्हारे लिए |
खुल गई हैं लाखों जुबाने
तुम्हारे लिए |
तुम नाराज़ न होना
उन कायरों से
ये अक्सर
यूँ ही चुपके से करते हैं वार
तुम बस हिम्मत न हारना
क्यों कि, ये बस आगाज़ भर है
असली जंग तो
बाकी है अभी ................
खुल गई हैं लाखों जुबाने
तुम्हारे लिए |
तुम नाराज़ न होना
उन कायरों से
ये अक्सर
यूँ ही चुपके से करते हैं वार
तुम बस हिम्मत न हारना
क्यों कि, ये बस आगाज़ भर है
असली जंग तो
बाकी है अभी ................
marmik kavita...
ReplyDeleteVery profound.
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