Tuesday, November 21, 2017

बुखार में बड़बड़ाना

1.
पहाड़ से उतरते हुए 
शीत लहर ने मेरे शरीर में प्रवेश किया
और तापमान बढ़ गया शरीर का
शरीर तप रहा है मेरा
भीतर ठंड का अहसास 
इस अहसास को बुखार कहते है !
देश भी
तप रहा है मेरे बदन की तरह
और सरकार कह रही है
मामला ठंडा है !
मेरे देश को बुखार तो नहीं है ?
#बुखार में बड़बड़ाना 1

2.
अहिंसा और शांति के पक्षधर गाँधी का
हत्यारा गोडसे का मंदिर 
बनाने वाले
और उस मंदिर के समर्थक
यदि कभी 
शांति और प्रेम की भाषा में
मुझसे बात करने लगें
मैं, उस वक्त
सावधान हो जाऊंगा
वो अपने पक्ष में तर्क देंगे
अभिव्यक्ति की आज़ादी की बात कह कर
हत्यारा और उसके समर्थक में
कोई अंतर नहीं होता
क्योंकि हत्यारे का समर्थक
भविष्य का हत्यारा होता है
#बुखार में बड़बड़ाना 2

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