Friday, November 24, 2017

तुमसे मिलने की जो आखिरी चाह थी मेरी

अंतिम जंग से पहले 
तुमसे मिलने की 
जो आखिरी चाह थी मेरी 
तुमने, 
उसे समाप्त कर दिया 
अच्छा किया तुमने
जो मुझे पहचानने से
इंकार कर दिया
मौत का जो डर था दिल में
इस तरह ख़त्म कर दिया !

No comments:

Post a Comment

युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो ....

. 1.   मैं युद्ध का  समर्थक नहीं हूं  लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी  और अन्याय के खिलाफ हो  युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो  जनांदोलन से...