जब देश से भी बड़ा हो जाता है
शासक
और नागरिक से बड़ा हो जाता है
पताका
जब न्याय पर भारी पड़ता है
अन्याय
और शिक्षा को पछाड़ दें
धार्मिक उन्माद
तब हिलने लगता है
देश का
मानचित्र
शासक
और नागरिक से बड़ा हो जाता है
पताका
जब न्याय पर भारी पड़ता है
अन्याय
और शिक्षा को पछाड़ दें
धार्मिक उन्माद
तब हिलने लगता है
देश का
मानचित्र
इसी तरह से भूकम्प आता है
और ढय जाता है
एक देश |
और ढय जाता है
एक देश |
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