Thursday, September 19, 2019

हर जगह जश्न है !

कश्मीर बंद है
फिर भी सामान्य है
सत्ता जो कहे
वही सर्वमान्य है
धन्य है-धन्य है
नाराज़ कुछ अन्य हैं
लोकतंत्र में अब यही सब
मान्य हैं ?
सवाल अब अमान्य है
भीड़ के हवाले है देश
यही सौजन्य है
वे सब अन्य हैं
कहलाते थे जो जन हैं
तानाशाह का मन है
बाकी सब सन्न हैं
धन्य है धन्य हैं
राजा बहुत प्रसन्न हैं
जन मरें लिंचिंग में
हर जगह जश्न है

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