उदास कवि की पूर्व प्रेमिका भी
अब कवि हो गई है
कवि जाम लगा रहा है
वो मंच पर कविता पढ़ रही है
मने बजट के बाद बजट सुने हो कभी
यहां बजट नहीं दिवालिया की नुमाइश है
प्रेम कभी था नहीं
ज़रूरत के समझौते थे
बात कवि के प्रेम और प्रेमिका की नहीं
सत्ता और जनता की मान लीजिये
कवि जन का है
प्रेमिका सत्ता चाहती है
फेमिनिस्ट नाराज़ हो सकते हैं
पर उन्हें पता होना चाहिए
कवि लेफ्टिस्ट है
दरअसल,
कवि को , लेफ्ट को
घमंड बहुत है
कि, उसके बिना कोई बढ़ नहीं सकता आगे
बंगाल -त्रिपुरा के बाद
कवि की प्रेमिका ने दिखा दिया
कविता लिख -पढ़ कर कैसे बढ़ते हैं आगे
कवि के नाना ने कहा था -ज्ञान से नहीं , धन से बढ़ता है सम्मान
कवि के दोस्त के नाना ने भी कुछ ऐसा कहा था
नाना को हराने की ज़िद में
कवि नंगा हो गया
कवि नकली है शायद
हैलो नहीं , लाल सलाम कहता है
प्रेमिका अब जय श्रीराम बोलती है !
अब कवि हो गई है
कवि जाम लगा रहा है
वो मंच पर कविता पढ़ रही है
मने बजट के बाद बजट सुने हो कभी
यहां बजट नहीं दिवालिया की नुमाइश है
प्रेम कभी था नहीं
ज़रूरत के समझौते थे
बात कवि के प्रेम और प्रेमिका की नहीं
सत्ता और जनता की मान लीजिये
कवि जन का है
प्रेमिका सत्ता चाहती है
फेमिनिस्ट नाराज़ हो सकते हैं
पर उन्हें पता होना चाहिए
कवि लेफ्टिस्ट है
दरअसल,
कवि को , लेफ्ट को
घमंड बहुत है
कि, उसके बिना कोई बढ़ नहीं सकता आगे
बंगाल -त्रिपुरा के बाद
कवि की प्रेमिका ने दिखा दिया
कविता लिख -पढ़ कर कैसे बढ़ते हैं आगे
कवि के नाना ने कहा था -ज्ञान से नहीं , धन से बढ़ता है सम्मान
कवि के दोस्त के नाना ने भी कुछ ऐसा कहा था
नाना को हराने की ज़िद में
कवि नंगा हो गया
कवि नकली है शायद
हैलो नहीं , लाल सलाम कहता है
प्रेमिका अब जय श्रीराम बोलती है !
बहुत सुन्दर
ReplyDeletevery nice! relevant!!
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