तब होगी
मेरे जीने की सार्थकता
यदि उठा सकूं
आवाज़, तुम्हारे पक्ष में
तुम्हारे ह्क़ के जीत के लिए
वर्ना, व्यर्थ है
यह जीवन जीने के लिए |
सार्थक होगा
यह जीवन,यदि
कह सकूं मैं सच
बेवाकी से
जल्लाद के समक्ष
और मिट जाये
मौत का डर |
उत्तम !
ReplyDeleteShukriya Sandeep ji
Deleteपर ये डर मिट सके तब तो बात है ...
ReplyDeleteअर्थ लिए बात ...
सही कहा है आपने . शुक्रिया
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