Thursday, August 3, 2017

हमसे हुआ नहीं ऐसा

वे चाहते थे कि
मैं भी उनकी भाषा में बोलूं
न बोल सकूं तो कम से कम उनकी भद्दी भाषा का समर्थन करूँ
हमसे हुआ नहीं ऐसा
हम न उनकी भाषा में बोल सकें 
न ही उनका समर्थन कर सकें
उन्हें आग लग गई
उनके पास भी गौ रक्षकों की एक पोषित भीड़ है
जो कभी भी
कहीं भी किसी भी विरोधी की हत्या कर सकती है
पीट कर न सही
अपनी भद्दी भाषा में वे किसी की हत्या करने में सक्षम हैं
मैंने अपना दरवाज़ा बंद कर दिया उनके लिए
उनके डर से नहीं
अपनी भाषा को बचाने के लिए
हम नहीं गा सकते जयगान
उन्होंने मुझे कुंठित कहा
गद्दार भी
जबकि हमने उनका नमक कभी नहीं खाया
सत्ता के कई रूप हैं
पहचानने का विवेक होना चाहिए |

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