अत्याचार,
शोषण -दमन
और तानाशाह के खिलाफ़
हम कविता लिख रहे हैं
शोषण -दमन
और तानाशाह के खिलाफ़
हम कविता लिख रहे हैं
नदी किनारे आखिरी वृक्ष मौन खड़ा है
एक चिड़िया आकाश पर फैले
काले धुंए से लड़ रही है !
एक चिड़िया आकाश पर फैले
काले धुंए से लड़ रही है !
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
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