जब तक
मैं लौटा
गहरी नींद आ चुकी थी तुम्हें
तुम्हारे दिये
मैं लौटा
गहरी नींद आ चुकी थी तुम्हें
तुम्हारे दिये
जंगली फूल की मीठी खुशबू से
भर गया था मेरा कमरा
भर गया था मेरा कमरा
तुम्हारी नींद में
कोई ख़लल न पड़े
इसलिए
बड़ी सावधानी से प्रवेश किया
तुम्हारे सपनों की दुनिया में
कोई ख़लल न पड़े
इसलिए
बड़ी सावधानी से प्रवेश किया
तुम्हारे सपनों की दुनिया में
आज तुम
मुझे
अपने सपने में देखना |
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6 मई 2016
वाह, बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत खूब ...
ReplyDeleteसपनों में परवाज़ ...
आभार , सर
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