हालात यह है
कि अब हमारी मौत का पेटेंट भी
उन्होंने अपने नाम करवा लिया है
और इस ख़ुशी में
वे राजधानी में जश्न मना रहे हैं
कि अब हमारी मौत का पेटेंट भी
उन्होंने अपने नाम करवा लिया है
और इस ख़ुशी में
वे राजधानी में जश्न मना रहे हैं
गिद्धों ने यूँ ही नहीं किया था यहाँ से पलायन
वे जान चुके थे
कि एकदिन
सत्ता हमारा मांस नोचेगी
वे जान चुके थे
कि एकदिन
सत्ता हमारा मांस नोचेगी
भुखमरी की भविष्यवाणी से
उनका पलायन जायज कहा जा सकता है आज
सच के उजागर करने पर
हम पर विद्रोह का लगेगा आरोप
इसका आभास था सभी को
किन्तु हमेशा की तरह
हम फिर उनके झूठे वादों में बहक गये
अब ऐसे में जब हमारे पास
न तो जीने का अधिकार है
न ही मरने का अधिकार,
तो क्यों न हम फिर से याद करें सुकरात के ज़हर के प्याले को
और तोड़ दें राजा की तमाम मूर्तियों को !
ताकि मृत्यु आये
तो आये सुकरात की मृत्यु की तरह
ताकि अहसास हो जाये राजा को
कि सब छीन सकते हो हमसे
पर नहीं छीन सकते तुम
हमसे हमारा विवेक और साहस |
उनका पलायन जायज कहा जा सकता है आज
सच के उजागर करने पर
हम पर विद्रोह का लगेगा आरोप
इसका आभास था सभी को
किन्तु हमेशा की तरह
हम फिर उनके झूठे वादों में बहक गये
अब ऐसे में जब हमारे पास
न तो जीने का अधिकार है
न ही मरने का अधिकार,
तो क्यों न हम फिर से याद करें सुकरात के ज़हर के प्याले को
और तोड़ दें राजा की तमाम मूर्तियों को !
ताकि मृत्यु आये
तो आये सुकरात की मृत्यु की तरह
ताकि अहसास हो जाये राजा को
कि सब छीन सकते हो हमसे
पर नहीं छीन सकते तुम
हमसे हमारा विवेक और साहस |
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन हिंदी पत्रकारिता दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
ReplyDeleteआभार आपका
Delete