एक
रेडियो पर लव गुरु
और --
टीवी पर बाबा
अपनी -अपनी दुकान खोलकर
कान और नाक पकड़ कर
निकल रहे हैं लोगों की हवा .
रेडियो लव गुरु अध्यापन नही करता
सिखाता है लव
सोचता हूं जनता को
अक्ल आयेगी कब ?
लवगुरु के बातों का फंदा
कर देता है प्यार ठंडा
इसी को कहते हैं ---
चालाक बंदा
प्रेम क्या रेडियो की चीज़ है ?
किउन करते हो नीलाम
जब तुम में प्रेम नही बसता
लव गुरु किस काम ?
प्रेम यदि सीखना है
तो जानो --
मीरा - कबीर को
प्रेम आप- ही बहेगा
दिल से मिटा दो जो नफरत को /
______________________
दो
भारत के समाचार चैनेलो पर
दिखते हैं अब भूत
और -
संवाददाता घुमते हैं
बनकर उनके दूत .
__________________
तीन
सब बन रहे हैं बाबा
तुम भी हो जाओ बाबा
पायोगे लोगों की झूठी वाह - वाह
तुम भी बन जाओ गुरु
कर लो नया व्यापार शुरू
नाम तुम्हारा क्या है ?
आशा या निराशा
देव ,देवा या कोई अंशु हो नाम के पीछे
आसन बिछाकर बैठ जाओ
ऊपर हो या नीचे
बस तुम एक काम करना
महाराज या राम जोड़ना
अपने नाम के आगे .
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इक बूंद इंसानियत
सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...
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सपनों का क्या है उन्हें तो बनना और बिखरना है मेरी फ़िक्र इंसानों की है | कहीं तो बची रहे आँखों में इक बूंद इंसानियत तब हम बचा लेंगे इस धरती...
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बरसात में कभी देखिये नदी को नहाते हुए उसकी ख़ुशी और उमंग को महसूस कीजिये कभी विस्तार लेती नदी जब गाती है सागर से मिलन का गीत दोनों पाटों को ...
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एक नदी जो निरंतर बहती है हम सबके भीतर कहीं वह नदी जिसने देखा नही कभी कोई सूखा वह नही जिसे प्यास नही लगी कभी मैं मिला हूँ उस ...
भारत के समाचार चैनेलो पर
ReplyDeleteदिखते हैं अब भूत
और -
संवाददाता घुमते हैं
बनकर उनके दूत ...
जबरदस्त व्यंग है .... मज़ा आ गया ...