Saturday, October 30, 2010

तुम बच निकलोगे किउंकि ---

बधाई हो
तुमने तुमने जीताये
अनेक स्वर्ण पदक
किन्तु मुझे याद है ---
उन पदकों को कंठहार करने से पहले
तुमने झुकाए थे अपना मस्तक  दुनियां के सामने

खेल थे राष्ट्र मंडल
तुमने किया अपना मंगल
बनाये तुमने नोटों का जंगल
जनता का क्या
थोड़ा शोर मचाएगी
फिर चुप हो जाएगी  थककर
जांच कैसी भी हो
तुम बच निकलोगे किउंकि ---
जांच दल के सदस्य तुम्हें जानते हैं
और जानते हैं तुम्हारी पंहुच कहाँ तक है.

यह जाँच वैसी होगी
अब तक जैसे होती आई
तब तक चलेगी
जब तक जनता भूल नही जाती या --
कोई नया घोटाला
सामने नही आता
तब इसे छोड़ कर उसकी जाँच होगी .

No comments:

Post a Comment

युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो ....

. 1.   मैं युद्ध का  समर्थक नहीं हूं  लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी  और अन्याय के खिलाफ हो  युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो  जनांदोलन से...