Thursday, March 23, 2017

तुमसे बिछड़ गया मैं

इस बार घर से लौटते हुए 
ट्रेन रुकी दुर्गापुर स्टेशन के
उसी प्लेटफार्म पर
जिस पर मैंने उस दिन
तुम्हारे आने का 
इंतज़ार किया था
आज,
मैं अकेला हूँ
सफ़र में !
ख्यालों का 
भविष्य नहीं होता
मैंने तुम्हें अपना भविष्य माना था
ख्याल टूटे
मिलकर तुमसे 
बिछड़ गया मैं
Image may contain: sky and outdoor



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