मैं, तुमसे बिछुड़ने से डरता था
तुमने कभी महसूस नहीं किया था
मेरे इस डर को
मैंने कहा था तुमसे
कभी तुम सागर बन जाओ
मैं, नदी बन
तुमसे मिलने आऊंगा
ऐसा हुआ नहीं
पर तुमने एक नदी
मेरी आँखों में भर दी
मुझे तनहा छोड़ कर
तुमने कभी महसूस नहीं किया था
मेरे इस डर को
मैंने कहा था तुमसे
कभी तुम सागर बन जाओ
मैं, नदी बन
तुमसे मिलने आऊंगा
ऐसा हुआ नहीं
पर तुमने एक नदी
मेरी आँखों में भर दी
मुझे तनहा छोड़ कर
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