मुझे याद है आज भी
मेरे बाबा धोती पहनते थे
और हर रोज
माँ धो देती थी
बाबा की धोती
घर के पीछे के
पोखर के घाट पर बैठ कर
बाबा के मृत्यु के
तीस साल बाद
अब कोई धोती नही पहनता
मेरे गाँव में
गाँव भी अब
गाँव कहाँ रहा
शहर की तरह
बहुराष्ट्रीय कम्पनिओं का
प्रवेश हो चुका है
मेरे गाँव में
अब मेरे गाँव में
सब जींस पहनते हैं
मास्टर जी भी
मैंने पूछा था उन्हें
धोती छोड़ कर जींस
पहनने का कारण
मास्टर जी ने कहा था --
यही तो फैशन है आज का
और --
यही तो फैशन है आज का
और --
धोती पहनना
अब उन्हें असहज लगता है
धोने में भी परेशानी होती है
क्योंकि तालाब अब सूखने लगे हैं
और गाँव में भी अब
पानी की कमी है
गाँधी जी
राजेन्द्र बाबू
शास्त्री जी
और मेरे बाबा
धोती पहने खड़े हैं
अपनी -अपनी तस्वीरों में
कभी यही धोती
मेरे गाँव -मेरे देश की
पहचान थी //
समय के साथ सब कुछ बदलता है ...अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeletebhut khub....
ReplyDeleteye hai mery desh ki pehchaan....