सिंगुर हो
या नंदीग्राम
या नंदीग्राम
या कहीं और
कहीं नही लड़ी गई
तुम्हारी - हमारी लड़ाई
हर जगह
उन्होंने लड़ी
सिर्फ अपनी साख की लड़ाई
वोट की लड़ाई
घायल हुए
हम और तुम
और जीत हुई उनकी
क्या तुम इसे
अपनी लड़ाई मानते हो
अपनी जीत मानते हो ?
चुनावों के बाद
दिखेगा इनका असली चेहरा
वे फिर पैंतरा बदलेंगे
हमें फिर लड़ना पड़ेगा
अपनी जमीन के लिए
हमारे नाम पर लड़ी गई
हर लड़ाई
कहीं नही लड़ी गई
तुम्हारी - हमारी लड़ाई
हर जगह
उन्होंने लड़ी
सिर्फ अपनी साख की लड़ाई
वोट की लड़ाई
घायल हुए
हम और तुम
और जीत हुई उनकी
क्या तुम इसे
अपनी लड़ाई मानते हो
अपनी जीत मानते हो ?
चुनावों के बाद
दिखेगा इनका असली चेहरा
वे फिर पैंतरा बदलेंगे
हमें फिर लड़ना पड़ेगा
अपनी जमीन के लिए
हमारे नाम पर लड़ी गई
हर लड़ाई
उनकी खुद की ज़मीन
बचाने की लड़ाई थी
और --
हर लड़ाई में
उनकी जमीन बनती गई
और हम ज़मीन हारते गए
हम वहीं रह गये
जहाँ से शुरू किया था हमने यह जंग
बानर कब गिने गये
योद्धाओं में
लंका की लड़ाई में
जीत तो केवल राम की हुई //
बहुत गहन ....
ReplyDeleteजीत तो सिर्फ राम की हुई थी ..
ReplyDeleteशुभ कार्यों की पूर्ति के लिए किसी को तो नींव का पत्थर बनना ही पड़ता है ..
badiyaa...
ReplyDeleteतह दिल से आप सभी का शुक्रिया
ReplyDeleteacchi kavitha hai . isi tarah likte raho
ReplyDeletebahut bahut acchhi abhivyakti...sochne par vivash karti hui.
ReplyDeleteगहन वैचारिक...
ReplyDeleteतह दिल से आप सभी का शुक्रिया
ReplyDeletesashakt kavitaen .. shubhkaamnaaen
ReplyDeleteहां, हम सिर्फ माध्यम थे। हम सिर्फ टूटी हुई तलवार थे, उनके हाथ में...हमें गिना ही नहीं गया कभी....
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