झम झम गिरते
बारिश की बूंदों को देखता रहा
उनके कदम तालों को
मग्न होकर सुनता रहा
कभी रवि ठाकुर को
कभी बाबा की पंक्तियों को
याद करता रहा
"जल पड़े
पाता नड़े " या
धिन- धिन -धा"
वाह रे काली घटा
तान सेन ने ली होगी
कभी तुम्ही से संगीत की शिक्षा
हे बारिश के बूँद
हे मेघ दूत
तुम्ही से मिली थी शायद
कालीदास को प्रेरणा ..
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युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो ....
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
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