देवता आये धरती पर
पूछा भारत के किसान से
क्या करते हो ?
जवाब दिया किसान ने - किसानी
देवता क्रोधित हो गए
श्राप दिया किसान को
जबतक जीएगा
इस देश में
दाने- दाने को तरसेगा
इस देश में
देवता कुछ विनम्र हुए
पूछा - क्या तुम्हे लगता है अंग्रेज यहाँ से चले गए ?
किसान हैरान था
देवता ने उत्तर दिया -
वे अब भी उपस्थित है -
तुम्हारी देश की हर व्यवस्था में
क्या तुम्हे कभी अहसास नही होता
तुम्हारे देश के नेतायों के व्यवहार से ?
अब देवता हैरान थे
देवता को तरस आया किसान पर
उन्होंने सलाह दिया किसान को
देखो -
तुम किसानी छोड़ो
क्रिकेट खेलना सीखो
आई .पी. एल. में जाने का प्रयास करो
अपने खेतों को मैदान बनाओ
प्रतिदिन अभ्यास करो
क्या पता कोई उद्योगपति या सिनेसितारा
तुम्हे भी भाड़े पर उठा लें
अपनी टीम के लिए
कहकर देवता चले गये
किसान नींद से जाग उठा
उसका सपना टूट गया
खेत की ओर भागने लगा .
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युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो ....
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बरसात में कभी देखिये नदी को नहाते हुए उसकी ख़ुशी और उमंग को महसूस कीजिये कभी विस्तार लेती नदी जब गाती है सागर से मिलन का गीत दोनों पाटों को ...
kisan ke saath sabhi ka yahi haal hai, sabhi chakachondh se prabhavit hain, aur apna kuchh pata nahi..
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