यह हमारे दौर का
सबसे खूंखार समय है
हत्या बहुत मामूली घटना है इनदिनों
ऐसे समय में
जब प्रेम सबसे बड़ा अपराध घोषित हो चुका है
मैं बेखौफ़ होकर
लिख रहा हूँ
प्रेम कविताएँ
तुम्हारे लिए |
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सबसे खूंखार समय है
हत्या बहुत मामूली घटना है इनदिनों
ऐसे समय में
जब प्रेम सबसे बड़ा अपराध घोषित हो चुका है
मैं बेखौफ़ होकर
लिख रहा हूँ
प्रेम कविताएँ
तुम्हारे लिए |
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मैं बदनाम होना चाहता हूँ
हाँ, मैं बदनाम होना चाहता हूँ
बहुत ज्यादा,जितना अब तक हूँ
उससे भी ज्यादा,
उन गलियों से भी जियादा
जहाँ गुजार देते हैं कई -कई रात
सभ्य समाज के सभी ठेकेदार
जिनकी आधी रात बीतती हैं
उन्हीं बदनाम गलियों में
बहुत ज्यादा,जितना अब तक हूँ
उससे भी ज्यादा,
उन गलियों से भी जियादा
जहाँ गुजार देते हैं कई -कई रात
सभ्य समाज के सभी ठेकेदार
जिनकी आधी रात बीतती हैं
उन्हीं बदनाम गलियों में
और हाँ सुनो -
मुझे शिकायत तुमसे नहीं
खुद से है ||
मुझे शिकायत तुमसे नहीं
खुद से है ||
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