जब तक
मैं लौटा,
गहरी नींद आ चुकी थी तुम्हें
जंगली फूल की महक से
भर गया था मेरा कमरा !
मैं लौटा,
गहरी नींद आ चुकी थी तुम्हें
जंगली फूल की महक से
भर गया था मेरा कमरा !
तुम्हारी नींद में
कोई ख़लल न पड़े
इसलिए
बड़ी सावधानी से प्रवेश किया
तुम्हारे स्वप्नों की दुनिया में
आज तुम,
मुझे अपने
सपने में देखना |
कोई ख़लल न पड़े
इसलिए
बड़ी सावधानी से प्रवेश किया
तुम्हारे स्वप्नों की दुनिया में
आज तुम,
मुझे अपने
सपने में देखना |
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