हो सकता है
अब हम आपकी
आँख की
किरकिरी बन गये हैं
जबकि हम रेत नहीं
बहते पानी हैं !
अब हम आपकी
आँख की
किरकिरी बन गये हैं
जबकि हम रेत नहीं
बहते पानी हैं !
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
No comments:
Post a Comment