खो जाना चाहता हूं
वसंत पवन में
धूप में
ज्योत्स्ना में
पंछियों के मधुर सूर में .........
लौटा पाओगे मुझे
पृथ्वी का खोया हुआ यौवन ?
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
आज की इस स्वार्थ भरी दुनिया में भाई-भाई का नहीं होता, लोग माँ-बाप के नहीं होते। उनसे क्या उम्मीदें की जाएँ जो अपनी माँ के नहीं हुए, वे धरती माँ के क्या होंगे!
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