Sunday, February 12, 2012

आइ.एम .सारी

भूला नही था 
सन सैंतालिस अभी 
आ गया पचहतर 
आपात बनकर
कुछ -कुछ 
अभी उबरा ही था 
उपचार अभी चल रहा था 
आगया 
सन चौरासी 

कुछ यादें 
हुई धुंधली सी 
उठा था 
संभलने को 
आ गया वर्ष 
दो हज़ार दो 

थका हुआ डाक्टर 
क्या करता 
नम आँखों से 
कह दिया -------
आइ.एम .सारी 

( सन 47 देश विभाजन ,सन 75 आपातकाल , सन 84 सिख विरोधी दंगे , और 2002 गोधरा कांड )

No comments:

Post a Comment

युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो ....

. 1.   मैं युद्ध का  समर्थक नहीं हूं  लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी  और अन्याय के खिलाफ हो  युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो  जनांदोलन से...