Thursday, April 5, 2012

वरिष्ठ कला संपादक के .रविन्द्र जी द्वारा अलंकृत , मेरी एक रचना ...यह रचना संकेत -९ से ली गई है



7 comments:

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    1. बहुत ख़ूबसूरत, बधाई.

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  2. ati sundar! bhavpurn rachna.badhai

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  3. धन्यवाद सुनीता मोहन जी .....

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  4. the cndition of city is like a woman

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  5. सच एक अनदेखा दर्द छुपा है शहर का ...

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युद्ध की पीड़ा उनसे पूछो ....

. 1.   मैं युद्ध का  समर्थक नहीं हूं  लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी  और अन्याय के खिलाफ हो  युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो  जनांदोलन से...