अख़बारों का एक ढेर
कमरे के कोने में है
और उसी कमरे में
एक पुरानी चारपाई पर पड़ा है
बीमार एक वृद्ध
कमरे के बाहर जो बड़ा सा मकान है
जिसे सब लोग घर कहते हैं
उन्हें कोई खबर नहीं उस अकेले कमरे की
अख़बार के ढेर में दब कर दम तोड़ रही हैं पुरानी खबरें
और वह वृद्ध
कमरे के कोने में है
और उसी कमरे में
एक पुरानी चारपाई पर पड़ा है
बीमार एक वृद्ध
कमरे के बाहर जो बड़ा सा मकान है
जिसे सब लोग घर कहते हैं
उन्हें कोई खबर नहीं उस अकेले कमरे की
अख़बार के ढेर में दब कर दम तोड़ रही हैं पुरानी खबरें
और वह वृद्ध
क्या अंतर है
अख़बार के पुरानी खबर में
और तन्हा उस बूढ़े में !
जबकि कमरे के बाहर लगातर हलचल है
तनहाई न सुनाई देती है
न दिखाई देती है
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