वो कौन है
जो हमारी इज़ाजत के बिना
हमारे हक़ में
फैसला लेने का दावा करता है?
वो कौन है
जिसका हाथ रंगा हुआ है
इंसानी खून से
और हमारी रक्षा की बात करता है ?
हम क्यों हैं ख़ामोश
अपने ही लोगों की चीखें सुन कर
वो कौन है
उसे पहचानों
जो दोषी है
हमारी तकलीफ़ों के लिए
जो हमारी इज़ाजत के बिना
हमारे हक़ में
फैसला लेने का दावा करता है?
वो कौन है
जिसका हाथ रंगा हुआ है
इंसानी खून से
और हमारी रक्षा की बात करता है ?
हम क्यों हैं ख़ामोश
अपने ही लोगों की चीखें सुन कर
वो कौन है
उसे पहचानों
जो दोषी है
हमारी तकलीफ़ों के लिए
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