कर्ज़ कुछ बाकी हैं
अभी ज़िंदगी के
वर्ना
अब तक
रुख़सत ले चुकी होती ज़िंदगी
अभी ज़िंदगी के
वर्ना
अब तक
रुख़सत ले चुकी होती ज़िंदगी
बदनामी से डर किसे है
इश्क़ से खौफ़ लगता है
दुश्मन से नही
अब दोस्त से डर लगता है |
इश्क़ से खौफ़ लगता है
दुश्मन से नही
अब दोस्त से डर लगता है |
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