Friday, February 10, 2017

मेरी कविता में तुम

उन तमाम पन्नों पर
 लिखे हुए हजारों शब्दों में
मेरी एक भी कविता शामिल नहीं है
क्योंकि उनमें कहीं
मैंने,
तुम्हारा नाम नहीं लिखा है
भूल गया था लिखना
तुम्हारे स्पर्श के अहसास को
दर्ज नहीं कर पाया
तुम्हारे साथ के सुखद पलों को
उन शब्दों में कहीं
इसलिए,
मत खोजना कोई कविता तुम
उन शब्दों के ढेर में
जब मेरी कविता बनेगी तो
उसमें तुम्हारी मौजूदगी का
अहसास होगा तुम्हें |
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*तुम्हारा कवि सीरिज से 

9 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "तीन सवाल - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. बहुत आभारी हूँ , शुक्रिया |

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  2. आपकी रचना बहुत सुन्दर है। हम चाहते हैं की आपकी इस पोस्ट को ओर भी लोग पढे । इसलिए आपकी पोस्ट को "पाँच लिंको का आनंद पर लिंक कर रहे है आप भी कल रविवार 12 फरवरी 2017 को ब्लाग पर जरूर पधारे ।

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  3. बहुत सुन्दर

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