अहसास
तस्वीरों से ज्यादा ताजा है
हमने वसंत को छुंआ था मिलकर
अब इस तरफ उदासी है
पत्थरों ने
मना कर दिया है ओस
ओढ़ने से
पत्तियों ने अपना लिया है
पीला रंग
मेरी आखों का नमक
खो गया है
आओ कभी सामने तुम भी
हिम्मत के साथ
मुझे बेनक़ाब करो !
तस्वीरों से ज्यादा ताजा है
हमने वसंत को छुंआ था मिलकर
अब इस तरफ उदासी है
पत्थरों ने
मना कर दिया है ओस
ओढ़ने से
पत्तियों ने अपना लिया है
पीला रंग
मेरी आखों का नमक
खो गया है
आओ कभी सामने तुम भी
हिम्मत के साथ
मुझे बेनक़ाब करो !
मैं, तुम्हारा कवि हूँ |
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