Monday, December 25, 2017

अहसास तस्वीरों से ज्यादा ताजा है

अहसास
तस्वीरों से ज्यादा ताजा है
हमने वसंत को छुंआ था मिलकर
अब इस तरफ उदासी है
पत्थरों ने 
मना कर दिया है ओस
ओढ़ने से
पत्तियों ने अपना लिया है
पीला रंग
मेरी आखों का नमक
खो गया है
आओ कभी सामने तुम भी
हिम्मत के साथ
मुझे बेनक़ाब करो !
मैं, तुम्हारा कवि हूँ |

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