बड़ा ही भयंकर था
गोधरा का सच
पीढ़ी दर पीढ़ी
सपनों में आकर डराता रहेगा हमें
भूल न सकेंगे हम चाहकर भी
गोधरा का सच
पीढ़ी दर पीढ़ी
सपनों में आकर डराता रहेगा हमें
भूल न सकेंगे हम चाहकर भी
भय के कण -कण में
समाया हुआ है गुजरात
पर ,मैं भूला नही हूँ
सैंतालीस ,पचहतर, चौरासी और हाल ही के
असम और मुंबई को भी
मैं रखता हूँ इन सब को
गोधरा के साथ
तुम सबकी सहमती
और असहमती के बाद ...
समाया हुआ है गुजरात
पर ,मैं भूला नही हूँ
सैंतालीस ,पचहतर, चौरासी और हाल ही के
असम और मुंबई को भी
मैं रखता हूँ इन सब को
गोधरा के साथ
तुम सबकी सहमती
और असहमती के बाद ...
पर ,मैं भूला नही हूँ
ReplyDeleteसैंतालीस ,पचहतर, चौरासी और हाल ही के
असम और मुंबई को भी
मैं रखता हूँ इन सब को
गोधरा के साथ
तुम सबकी सहमती
और असहमती के बाद ...
ये याद रखना ही सबसे बड़ी बात है ...... कविता इतिहास का आखिरी ड्राफ्ट होती है ...आपको बधाई
स्तब्ध कर गई आपकी रचना ...
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