बंदूक,
कुपोषण
दंगे ,आगजनी
नफ़रत
इन सबके बीच रहकर भी
तुम लिख लेते हो
प्रेम कविता ....?
सच में कमाल हो तुम ....
कुपोषण
दंगे ,आगजनी
नफ़रत
इन सबके बीच रहकर भी
तुम लिख लेते हो
प्रेम कविता ....?
सच में कमाल हो तुम ....
. 1. मैं युद्ध का समर्थक नहीं हूं लेकिन युद्ध कहीं हो तो भुखमरी और अन्याय के खिलाफ हो युद्ध हो तो हथियारों का प्रयोग न हो जनांदोलन से...
क्योकि इस सब मे अगर किसी की जरुरत है तो वो प्रेम ही तो है !!
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